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तुम आशा निकाल ही रही थी धीमे स्वर में पूछा -- खुश हो न सरहद पे खड़ा हूं आकाश शब्द दरवाज़े ममता दीमक लोग घड़ी घर सड़कें

Hindi की दरवाज़े पे खड़ा विकी Poems